धारा 95 . का उदाहरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 95 के अनुसार, कोई भी बात इस कारण से अपराध नहीं है कि उससे कोई अपहानि कारित करती है या कारित करने का इरादा रखती है या किसी नुकसान कारित करने की संभावना के बारे में जानी जाती है, यदि वह इतनी तुच्छ है कि नार्मल समझ और साधारण स्वभाव का आदमी उसकी कम्प्लेन नही करेगा ,
निजी रक्षा के अधिकार के संबंध में
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