धारा 232 का उदाहरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 232 के अनुसार, जो कोई भी 5[भारतीय सिक्के] का जालसाजी करता है, या जानबूझकर भारतीय सिक्के के जालसाजी की प्रक्रिया में कोई भाग लेता है, उसे 1[आजीवन कारावास], या दोनों में से किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जाएगा। किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अपराध : जालसाजी करना, या सिक्के की जालसाजी की प्रक्रिया का कोई भाग निष्पादित करना
सजा : आजीवन कारावास या 10 वर्ष + जुर्माना
संज्ञान: संज्ञान योग्य
जमानत: गैर जमानती
विचारणीय : सत्र न्यायालय