काल्पनिक चित्र |
धारा 186 की व्याख्या
भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के अनुसार, जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक ( सरकारी कर्मचारी ) को उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में स्वेच्छा से बाधा डालता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या पाँच सौ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
सजा- तीन महीने की कैद या पांच सौ रुपये जुर्माना या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय, संज्ञेय (आंध्र प्रदेश में) अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
Offence : एक लोक सेवक के उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना
सजा: 3 महीने या जुर्माना या दोनों
संज्ञान : असंज्ञेय
जमानत : जमानतीय
ट्राइएबल : कोई भी मजिस्ट्रेट
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