धारा 228 का उदाहरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 228 के अनुसार, जो कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी लोक सेवक का अपमान करता है या किसी काम मे बाधा डालता है जब ऐसा लोक सेवक न्यायिक कार्यवाही के किसी भी चरण में बैठा हो, तो उसे साधारण कारावास से दंडित किया जाएगा, या एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा। या छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना जो एक हजार रुपये तक हो सकता है, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
अपराध: न्यायिक कार्यवाही के किसी भी चरण में बैठे किसी लोक सेवक का जानबूझकर अपमान करना या उसमें बाधा डालना
सज़ा: 6 महीने की साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों
संज्ञान: अज्ञात; आंध्र प्रदेश में संज्ञेय
जमानत : जमानती
विचारणीय: धारा 26 के अंतर्गत वह न्यायालय जिसमें अपराध किया गया है