धारा 227 का उदाहरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 227 के अनुसार, जो कोई सज़ा में शर्त व छूट स्वीकार कर लेता है, और जानबूझकर किसी शर्त का उल्लंघन करता है जिसके अंदर ऐसी छूट दी गई थी, यदि वह वही सज़ा देता है जिसके लिए उसे मूल रूप से सज़ा दी गई थी, तो उसे उस सज़ा से दंडित किया जाएगा। और यदि वह उस दण्ड का कोई भाग पहले ही भोग चुका है, तो उसे उस दण्ड का उतना ही भाग से दण्डित किया जाएगा जितना वह पहले ही भोग चुका है।
अपराध : सजा माफ करने की शर्त का उल्लंघन
सज़ा: मूल सज़ा, पहले ही दिया गया समय घटा दिया गया
संज्ञान: संगेय
जमानत : गैर जमानती
विचारणीय: उस न्यायालय द्वारा जिसमें किया गया अपराध विचारणीय है