काल्पनिक चित्र |
धारा 167 . का उदाहरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 167 के अनुसार, जो कोई भी, लोक सेवक (सरकारी कर्मचारी) होते हुए किसी दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को इस तरह से बनाता है, तैयार करता है या अनुवाद करता है जिसे वह जानता है या मानता है कि वह दोषपूर्ण है, इस आशय से या यह जानते हुए कि इससे किसी व्यक्ति को फसाया जा सकता है या उस व्यक्ति को फसने की संभावना है, उसे कम से कम 1 वर्ष के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया भी जा सकता है, या जुर्माने ( आर्थिक दंड ) से दंडित किया जाएगा। या दोनों से दंडित किया जाएगा।
लागू अपराध
किसी आदमी को फ़साने के इरादे से लोक सेवक (सरकारी कर्मचारी) द्वारा झूठा दस्तावेज़ बनाना।
सजा - 3 साल कैद या जुर्माना या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध सुलह ( समझौता ) करने लायक नहीं है।
अपराध : लोक सेवक ने फ़साने के इरादे से झूठा दस्तावेज तैयार करना ।
सजा : 3 साल या जुर्माना या दोनों
संज्ञान: संगेय अपराध
जमानत : जमानती
विचारणीय : प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट
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